गरुण पुराण के अनुसार क्यों स्त्री को अन्य पुरुष से संबंध नहीं रखना चाहिए (Why woman should not be in physical relationship to another man)

गरुण पुराण के अनुसार क्यों स्त्री को अन्य पुरुष से संबंध नहीं रखना चाहिए (Why woman should not be in physical relationship to another man)

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जैसा की हम सभी जानते है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का गलत काम करता हैं तो उसके मरने के उपरान्त उसे नर्क लोक में जाकर अपने किए हुए गलत कामो का दंड भुगतना पड़ता है और उस व्यक्ति को उसके गलत कर्मो के अनुसार ही गरुण पुराण से मृत्यु के देवता यमराज जी द्वारा सजा सुनाई जाती हैं।
इसलिए हमे कभी भी गलत काम नहीं करना चाहिए अन्यथा हमे भी मरने के उपरान्त दंड भुगतना पड़ेगा।

गरुण पुराण के अनुसार क्यों स्त्री को अन्य पुरुष से संबंध नहीं रखना चाहिए (Why woman should not be in physical relationship to another man)

तो आज हम आपको बताएंगे कि यदि कोई महिला अपने पति के आलावा किसी अन्य पुरुष से संबंध रखती है तो उसको किस प्रकार की सजा का प्रावधान हमारे गरुण पुराण में दिया गया है।


हिन्दू धर्म में शादी एक पवित्र बंधन माना गया है यदि कोई भी स्त्री इस रिश्ते को तोड़कर किसी अन्य पुरुष के साथ सम्बन्ध रखती है तो उसको हमारे गरुण पुराण के अनुसार मरने के उपरान्त भयानक यातनाओ से गुजरना पड़ता हैं और कठोर से कठोर सजा भी हमारे मृत्यु के देवता यमराज के द्वारा सुनाई जाती हैं।

इसमें महिला को यातनाओं के तौर पर धधकती हुई अग्नि में एक डंडे से बांधकर उस अग्नि के ऊपर रखा जाता है और यम के दुतो द्वारा उस डंडे को चक्की की तरह घुमाया जाता हैं उसके उपरांत उस महिला को सजा के तौर पर कटिली कांटो युक्त शया पर लिटाया जाता है उसके बाद उस महिला को एक लंबी रस्सी से बांधकर खोलते हुए तेल में तला जाता है ऐसी भयानक यातनाएं और कठोर सजा का प्रावधान हमारे गरुण पुराण में ऐसी
महिलाओ के लिए लिखा गया है और ये भयानक दंड उस तब तक दिया जाता हैं जब तक उसके द्वारा किए गए गलत कर्मो का पश्चाताप नहीं पूरा होता है।
सजा पूरी होने के बाद महिला को धरती लोक पर सजा भोगने के लिए उसको एक कीड़े मकोड़े की योनि में जन्म मिलता है और इस योनि में जन्म लेकर उसे तब तक धरती लोक पर रहना पड़ता है जब तक उसके द्वारा किए गए गलत काम का पश्चात पूर्ण नहीं हो जाता है यदि वह इस योनि में रहकर अपने किए गए पापो का दंड भुगत लेती है तो उसको दोबारा हमारे मृत्यु के देवता यमराज जी के समक्ष उपस्थित किया जाता हैं और यदि उसने उन योनि में रहकर किसी भी तरह का पाप नहीं  किया  होता है तो उसको अगला जन्म मनुष्य योनि में फिर से एक कन्या के रूप में मिलता हैं।

इसलिए कहा जाता है कि हमे हमेशा गलत कर्म करने से बचना चाहिए अन्यथा हमे भी मृत्यु के उपरान्त इसी प्रकार की किसी भयानक सजा से गुजरना पड़ेगा। जोकि गरुण पुराण में हमारे पापो के आधार पर लिखी होगी।

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