आप पर या घर में नकारात्मक ऊर्जा के संकेत | Negative Energy

ऊर्जा क्या है

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प्रकृति में सकारात्मक शक्ति या ऊर्जा हमारे लिए लाभदायक और नकारात्मक उर्जा या शक्तिया परेशानी उत्पन्न करने वाली या नुकसान पहुंचाने वाली होती है | यह समस्त प्रकृति दो प्रकार की शक्तियों या उर्जाओं से बनता है, धनात्मक और ऋणात्मक, सूर्य और स्वयं की ऊर्जा से प्रकाशित ग्रह -नक्षत्रों से उत्पन्न होने वाली या प्राप्त होने वाली ऊर्जा धनात्मक मानी जाती है, जबकि पृथ्वी और ग्रहों से उत्पन्न ऊर्जा या शक्ति प्रकृति के परिप्रेक्ष्य में ऋणात्मक होती है | यह दोनों ही उर्जाये हमारे लिए सकारात्मक ही होती हैं, इन दोनों के संतुलन और प्राप्ति से ही समस्त प्राणी और जीव -वनस्पतियों की उत्पत्ति और स्थिति होती है |
इन प्राकृतिक शक्तियों के अतिरिक्त दो अन्य पारलौकिक शक्तिया व्यक्तियों को प्रभावित करती है, सकारात्मक और नकारात्मक |

  • सकारात्मक वह है जिनकी शक्ति आपके लिए लाभदायक है जैसे आपके ईष्ट,आपके कुल देवता, महाविद्यायें, देवी-देवता आदि |
  • नकारात्मक वह है जो आपके लिए समस्या ही उत्पन्न करते है जैसे भूत-प्रेत, पिशाच, ब्रह्म राक्षस, जिन्न, शाकिनी-डाकिनी आदि |

आज के समय में नकारात्मक ऊर्जा शक्तियों का प्रभाव अधिकतर घरों परिवारों पर बहुत दिखने लगा है, जबकि उन्हें पता ही नहीं होता कि वे इनसे प्रभावित है, उनके द्वारा बताये जाने वालो लक्षणों से प्रथम दृष्टया अकसर इनकी समस्या घरों में मिलती है, इनके कारण वास्तु दोष, घरों में सूर्य के प्रकाश की कमी, गलत जगह गलत हिस्सों का बना होना, पित्र दोष, कुल देवता का दोष, ईष्ट प्रबलता की कमी, रहन-सहन की स्थिति, विजातीयता, धार्मिक श्रद्धा की कमी, खुद की गलतियाँ, प्रतिद्वंदिता, अभिचार आदि हो सकते हैं |

घर में नकारात्मक ऊर्जा के संकेत

यदि अपने घर पहुचने पर सर भारी हो जाए, घर में अशांति का वातावरण हो, कलह होता हो, पति-पत्नी में अनावश्यक अत्यधिक कलह हो, पूजा-पाठ में मन न लगे ,पूजा पाठ से सदैव मन भागे, पूजा पाठ करते समय सर भारी हो, लगे कोई आसपास है, जम्हाई अधिक आये, पूजा पाठ करने से दुर्घटनाएं या परेशानियां बढ़ जाएँ, पूजा पाठ आदि धार्मिक क्रियाओं में अवरोध उत्पन्न हो, बीमारियाँ अधिक होती हों, आय-व्यय का संतुलन बिगड़ा हो, आकस्मिक दुर्घटनाएं अधिक होती हों,
रोग हो किन्तु कारण पता न चले, सदस्यों में मतभेद रहते हों, मन हमेशा अशांत रहता हो, खुशहाली न दिखे, प्रगति रुकी लगे अथवा अवनति होने लगे, संताने विरुद्ध जाने लगें, संतान बिगड़ने लगे, उनके भविष्य असुरक्षित होने लगे, संतान हीनता की स्थिति हो, अधिक त्वचा रोग आदि हों, अपने ही घर में भय लगे, लगे कोई और है आसपास,अपशकुन हो, अनावश्यक आग आदि लगे, मांगलिक कार्यों में अवरोध उत्पन्न हो तो समझना चाहिए की घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश है, इस स्थिति में इनका पता लगाने का प्रयास करके इन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए |

किन घरो में नकारात्मक ऊर्जा आती है ?

जब आपके कुल देवता /देवी को ठीक से पूजा पाठ नहीं मिलता है तो वे नाराज हो सकते हैं अथवा निर्लिप्त हो सकते हैं, कमजोर भी हो सकते हैं, ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा को रोकने वाली मुख्य शक्ति हट जाती है और वह परिवार पर प्रभावी हो सकती है, कभी कभी कुलदेवता की नाराजगी या निर्लिप्तता से या नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रबल होने से वह कुलदेवता या ईष्ट को दी जाने वाली पूजा खुद लेने लगती है जिससे उसकी शक्ति बढने लगती है और कुलदेवता/देवी कमजोर या रुष्ट होते जाते हैं और ईष्ट को भी पूजा नहीं मिलती है,आपके ईष्ट कमजोर हों या कोई ईष्ट ही न हों या आप पूजा पाठ ठीक से न करते हों तो भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर में हो सकता है |
किसी से दुश्मनी हो तो वह भी आभिचारिक क्रिया करके किसी नकारात्मक ऊर्जा को आप पर भेज सकता है|

पित्र दोष से नकारात्मक ऊर्जा

आपके घर में पित्र दोष है तो पितरों के साथ अन्य शक्तियां भी जुड़ जाती हैं जिन्हें आपके परिवार से कोई लगाव नहीं होता है, पित्र भले नुक्सान कभी कभी न करें किन्तु साथ जुडी शक्तिया अवश्य अपनी अतृप्त इच्छाएं आपके परिवार या आप से पूर्ण करने का प्रयास करती हैं, ऐसी स्थिति में प्रत्यक्ष तो लगता है की ४ लोग घर में हैं किन्तु खर्च ४ से ज्यादा लोगों के बराबर होता है और कोई न कोई समस्या उत्पन्न होती ही रहती है|
कभी कभी कोई नकारात्मक शक्ति किसी पर आधिपत्य करके अपने को देवी या देवता बताती है और पूजा प्राप्त करने लगती है जिससे उसकी शक्ति तो बढती ही है साथ उसके निकाले जाने की भी संभावना कम हो जाती है, घर में अन्धेरा हो तो भी नकारात्मक शक्तिया घर में स्थान बना लेती हैं क्योकि ऐसी जगहों पर उन्हें रहना अच्छा लगता है, फलतः वे वहां रहने वालों के लिए समस्या उत्पन्न करते हैं|

अन्य कारण

कभी कभी कोई नकारात्मक ऊर्जा किसी आशक्तिवश भी किसी के पीछे लग जाती है और उससे अपनी अतृप्त वासनाएं पूर्ण करने का प्रयास करती है | कभी कभी किसी की जमीन में भी नकारात्मक उर्जाओं का स्रोत होता है और उस पर मकान बना लेने पर वह वहां रहने वालों को परेशान करती है| कभी कभी बहुत अधिक दुर्घटनाएं अथवा हत्याएं भी किसी के घर को इनका डेरा बना देते हैं|

उपचार

यदि व्यक्ति को लगे की उस पर या घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है तो उसे किसी योग्य जानकार व्यक्ति, सिद्ध व्यक्ति या उच्च स्तर के तांत्रिक से मिलना चाहिए, इनसे मुक्ति का उपाय करवाना चाहिए, पित्र दोष, कुल देवत/देवी दोष, ईष्ट दोष, गृह दोष का उपचार भी उसको करना चाहिए |

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