क्यों खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है? (Why the fragmented idol is not worshiped)
क्यों खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है? (Why the fragmented idol is not worshiped)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा करना वर्जित माना जाता है टूटी मूर्ति को कुछ लोग अशुभ मानते है तो कुछ लोग बोलते है कि खंडित मूर्ति से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। खंडित मूर्ति को ना तो हमारे घर में रखा जाता है और ना ही हमारे मंदिर में रखा जाता है पुराने लोगो की बातो के अनुसार कहा जाता है कि खंडित मूर्ति में भगवानों की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है सिर्फ सही मूर्ति में ही भगवान कि प्राण प्रतिष्ठा होती है इसलिए खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है।
आखिर ऐसा क्या कारण रहा जो खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है क्योंकि भगवान तो हर जगह बस्ते है तो खंडित मूर्ति में क्यों नहीं बस्ते है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती हैं।
टूटी हुई मूर्ति को अशुभ क्यों माना जाता है?
यदि किसी व्यक्ति को चोट लग जाती है तो हम उसकी मलहम पट्टी करवाते है और कुछ दिन वह व्यक्ति ठीक हो जाता है तो आखिर ऐसा क्या कारण है जिसकी वजह से यह सारी सृष्टि है उसकी मूर्ति को मात्र थोड़ा सा टूट जाने या खण्डित हो जाने पर हम लोग उस मूर्ति को घर से बाहर कर देते है। इस बात का जवाब हिन्दू शास्त्रों में मिलता है हिन्दू शास्त्रों के अनुसार खंडित या टूटी मूर्ति घर से इसलिए हटा देनी चाहिए क्योकि खंडित मूर्ति में ईश्वर कभी वास नहीं करते ईश्वर उस मूर्ति को छोड़ कर चले जाते है।
जब हम मूर्ति कि पूजा मन लगाकर करते है और भगवान का ध्यान करते है तो भगवान भी उस मूर्ति में वास करने लगते है और वो मूर्ति हमे शक्ति देती है उस मूर्ति से हमारी आस्था विश्वास और इच्छा शक्ति जुड़ जाती हैं इसलिए उस मूर्ति के खंडित हो जाने पर उस मूर्ति को छोड़ कर भगवान चले जाते है इसलिए वो मूर्ति अशुभ मानी जाती है क्योंकि उस स्थान पर भगवान कभी वास नहीं करते इसलिए खंडित मूर्ति का विसर्जन करना ही सही माना जाता है।
यदि हमने कभी भूल से खंडित मूर्ति की पूजा कर ली हो तो हमें क्या करना चाहिए?
पुराणों में वर्णित तथ्यों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति खंडित मूर्ति की पूजा कर लेता है तो उसे तुरंत भगवान से क्षमा याचना करनी चाहिए क्योंकि खंडित मूर्ति का पूजन करने से व्यापार, मान – सम्मान और बुद्धि की हानि होती है पहले तो जैसे ही पता चले की मूर्ति खंडित हो गई है सबसे पहले मूर्ति को पूजा घर में से हटा दे और यदि गलती से पूजा कर ली है तो फौरन भगवान् से क्षमा याचना करके मूर्ति का विसर्जन कर दे।
खंडित मूर्ति को विसर्जित करने का सही तरीका क्या है?
यदि कोई भी तस्वीर या मूर्ति खंडित हो गई है तो सबसे पहले उस तस्वीर या मूर्ति को मंदिर से उठाने से पहले ईश्वर से हाथ जोड़कर इजाजत ले तब उठाए अगर तस्वीर खंडित हो तो उसको जला दे और उसकी राख को पीपल के पेड़ में डाल दे और यदि कोई मूर्ति खंडित हो तो उसे चलते हुए जल में यानि की बहते हुए पानी में विसर्जित कर दे और उसके साथ में कुछ फूल भी लेकर प्रवाहित कर दे।
कैसे पता चलता की कोई भी मूर्ति कैसे खंडित हो गई है?
इसका जवाब सभी के पास होगा कि यदि कोई मूर्ति टूट जाए तो वो खंडित हो जाती है लेकिन ये अधूरा जवाब है क्योंकि कोई भी मूर्ति अगर रंग भी छोड़ देती है तो भी वो मूर्ति खंडित है क्योंकि जैसी मूर्ति लाई जाती है उस मूर्ति को वैसा ही होना चाहिए।
यदि घर या मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है तो उसे विसर्जित करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि भगवान शिव जी का कोई आकार नहीं है वो निराकार है इसलिए खंडित शिवलिंग की पूजा की का सकती है।