क्या रुक्मिणी और राधा एक ही थी? (Were Rukmini and Radha the same)

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क्या रुक्मिणी और राधा एक ही थी? (Were Rukmini and Radha the same)

जैसा की हम सभी लोग जानते है कि भगवान विष्णु जी धर्म की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर बार बार अवतार लेते रहते थे इस कारण उनकी पत्नी लक्ष्मी जी ने भी भगवान विष्णु जी के साथ कई रूपों में अवतार लिया है|
त्रेता युग में जब विष्णु जी ने श्री राम अवतार में जन्म लिया था तब लक्ष्मी जी ने माता सीता के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था|

द्वापर युग में देवी लक्ष्मी जी ने रुक्मणी जी के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था रुक्मणी जी का जन्म विदर्भ देश के राजा भीष्मक के के घर में हुआ था रुक्मणी जी के जन्म के कुछ महीने बाद ही पूतना नाम की एक राक्षसी रुक्मणी जी को मारने के लिए राजा भीष्मक के महल में आ गयी थी जब राक्षसी पूतना रुक्मणी जी के कमरे में थी तभी अचानक कुछ लोग महल के अंदर आ गए थे जिसके कारण राक्षसी पूतना देवी रुक्मणी को लेकर आसमान में उड़ गयी थी यह देखकर लोगो ने राक्षसी पूतना का काफी दूर तक पीछा किया परन्तु राक्षसी पूतना को वह लोग पकड़ न सके जिसके कारण सभी लोगो ने देवी रुक्मणी के जीवित रहने की आस छोड़ दी थी और वह वापस लौट गए|Also Read: ब्राह्मणों को शराब क्यों नहीं पीनी चाहिए?

क्या रुक्मिणी और राधा एक ही थी? (Were Rukmini and Radha the same)
क्या रुक्मिणी और राधा एक ही थी? (Were Rukmini and Radha the same)

देवी रुक्मणी ने अपने आपको को पूतना राक्षसी से छुड़ाने के लिए अपना वजन बढ़ाना शुरू कर दिया था और अपना वजन इतना बढ़ा लिया था कि पूतना राक्षसी का देवी रुक्मणी को उठा पाना मुश्किल हो गया था इसलिए पूतना राक्षसी ने देवी रुक्मणी को अपने हाथ से छोड़ दिया था|  पूतना के हाथो से छूटकर देवी रुक्मणी पृथ्वी पर एक सरोवर में कमल के फूल पर विराजमान हो गयी थी|
राक्षसी पूतना के कारण विदर्भ राज्य की राजकुमारी देवी रुक्मणी मथुरा राज्य के एक गाँव बरसाना के पास में स्तिथ एक सरोवर में आकर गिरी थी जिस समय देवी रुक्मणी सरोवर में गिरी थी उसी समय बरसाना गाँव के एक निवासी वृषभानु अपनी पत्नी कीर्तिदेवी के साथ उस सरोवर के किनारे से गुजर रहे थे और उनकी नजर कमल पर विराजमान देवी रुक्मणी पर पड़ जाती है और वह दोनों देवी रुक्मणी को उठाकर अपने साथ लिए जाते है और वह देवी रुक्मणी को अपनी बेटी बनाकर उसका पालन पोषण करने लगते है और उसका देवी रुक्मणी का नाम राधा रख देते है|
यही कारण है कि देवी रुक्मणी और राधा अलग अलग नहीं बल्कि एक ही है जो की देवी लक्ष्मी का अवतार है|

राधा जी जब बड़ी होती है तब उनकी मुलाकात भगवान श्री कृष्ण से होती है और बाद में जब विदर्भ राज्य के राजा भीष्मक को यह है की राधा जी उनकी पुत्री रुक्मणी ही है तब वह बरसाना गाँव आकार अपनी पुत्री को अपने साथ लेकर विदर्भ चले जाते है क्योकि विदर्भ राज्य श्री कृष्ण के दुश्मनो का राज्य था इसलिए विदर्भ राज्य ले लोग देवी रुक्मणि की शादी किसी ओर से करवा देना चाहते थे तब श्री कृष्ण ने देवी रुक्मणी जो की राधा भी थी का हरण करके उन्हें अपनी पत्नी बना लिया था|
इससे यह बात भी स्पष्ट हो जाती है क्योकि देवी रुक्मणि और राधा जी एक ही थी इसलिए ही श्री कृष्ण जी ने राधा से विवाह नहीं किया था क्योकि उन्होंने देवी रुक्मणि से विवाह किया था जो की राधा ही थी|

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