कैसे बना बरमूडा ट्राइंगल? (How Bermuda Triangle Made)
कैसे बना बरमूडा ट्राइंगल? (How Bermuda Triangle Made)
बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) जिसे डेविल्स ट्राइंगल(Devil’s Triangle) भी कहा जाता है पूरी दुनिया के लिए एक ऐसा रहस्य बना हुआ है जिसे आज तक कोई भी वैज्ञानिक नहीं सुलझा पाया है बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) 300 सालो से रहस्य बना हुआ है|
ऐसा माना जाता है कि बरमूडा ट्राइंगल अब तक 2500 जलपोत और 100 से भी ज्यादा वायुयान बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) में समा चुके है| बरमूडा ट्राइंगल को लेकर अलग-अलग वैज्ञानिको ने अलग अलग बाते बताई है| किसी ने यहाँ Alien (एलियन) की उपस्थिति को बताया है तो किसी ने (Bermuda Triangle) के आस पास भूतो का साया बताया है बरमूडा ट्राइंगल को लेकर सबके अपने अपने विचार रखते है|
लेकिन कुछ लोग (Bermuda Triangle) को पौराणिक मानते है और इसे सतयुग से जोड़ते है कुछ लोग (Bermuda Triangle) की कहानी हनुमान जी से जुडी बताते है कुछ लोगो का कहना है की (Bermuda Triangle) हनुमान जी गलतियों की वजह से ही बना था|
बरमूडा ट्राइंगल के रहस्य का पता लगाने के लिए दुनिया के कई महान वैगायनिको ने प्रयास किया लेकिन वे हर बार असफल ही रहे वास्तव में बरमूडा ट्राइंगल अपने आप में कोई जगह नहीं है बल्कि यह San Juan, Puerto Rico, and Bermuda नामक तीन जगहों को आपस में जोड़ने वाली रेखाओं के बीच का स्थान है जो समुद्र के बीचों बीच स्थित है|
कैसे बना बरमूडा ट्राइंगल? (How Bermuda Triangle Made) |
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रामायण (Ramayana) की एक घटना के अनुसार जब हनुमान जी माता सीता की खोज के लिए समुद्र के ऊपर से जा रहे थे तब एक राक्षसनी जिसका नाम सिंघनी था और उसे वरदान था कि वो आसमान में उड़ने वाली किसी भी परछाई को पकड़कर उसको मार सकती थी वो राक्षसनी हनुमान जी की परछाई पकड़कर उन्हें मारने का प्रयास करती है लेकिन हनुमान जी उसका वध कर देते है जिसके कारण उस जगह पर (Bermuda Triangle) बन जाता है कहा जाता है की उस राक्षसनी की शक्तियाँ ही बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) में है जिसके कारण बरमूडा ट्राइंगल के पास कोई नहीं जा पाता हैं|
रामायण (Ramayana) की एक दूसरी घटना के अनुसार एक बार रावण ने भगवान शिव की घोर तपस्या करके भगवान शिव से एक मणि प्राप्त की थी यह मणि इतनी शक्तिशाली थी की इस मणि के बल पर ही रावण ने देवताओ को भी हरा दिया था और बाद में यह मणि ही रावण की मौत का कारण बनी थी|
मणि प्राप्ति के बाद रावण का अहंकार बहुत बढ़ गया था तब भगवान शिव ने मणि प्राप्त करने के लिए एक संत का रूप बनाया और लंका पहुंचकर रावण की पत्नी मंदोदरी से मणि मांगी जिसे मंदोदरी ने सन्त रुपी भगवान शिव जी को दे दिया| मणि के जाते ही रावण की आधी शक्ति रावण के पास से चली गयी जिसके कारण जब प्रभु श्री राम ने रावण की नाभि पर तीर मारा तब रावण की नाभि में स्थित अमृत सुख गया जो मणि के रहते नहीं सुख पाता था और इस तरह प्रभु राम के द्वारा रावण मर गया|
उस मणि का तेज इतना था कि वह अपने आस पास की चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती थी इस समस्या का निवारण करने और मणि को सुरक्षित स्थान पर रखने की जिम्मेदारी भगवान शिव ने हनुमान जी को दी हनुमान जी ने उस मणि को अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) के गहरे पानी में रख दिया| कुछ लोगो का कहना है की जहा यह मणि रखी है वह बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) ही है जिसके कारण ऊपर से गुजरने वाले विमाम और आस पास से गुजरने वाले जलपोत समुंद्र की ओर आकर्षित हो जाते है और उसमे समा जाते है क्योकि इस मणि में हर चीज को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता थी|
इस प्रकार रामायण की इन दोनों कथाओ से यह साबित होता है की बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) हनुमान जी ने ही बनाया था|
सबसे पुराने वेद ऋग्वेद में बताया गया है की मंगल का जन्म धरती से ही हुआ है ऋग्वेद में लिखा है कि जब धरती ने मंगल को जन्म दिया तब मंगल को उसकी माँ से दूर कर दिया गया था तब धरती ने घायल होने के कारण अपना पूरा संतुलन खो दिया और धरती अपनी धुरी पर घूमने लगी उस समय धरती को संभालने लिए दैवीय वैध अश्वनी कुमार ने एक त्रिभुज के आकर का लोहा उसके चोटिल स्थान पर लगा दिया जिसके बाद धरती अपने उसी अवस्था पर रुक गयी यही कारण है की पृथ्वी की धुरी एक विशेष कोण 23.5 degree पर झुकी है|
ऋग्वेद में धरती का यही स्थान बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) बताया गया है यह त्रिभुज के आकर का लोहा सालो तक धरती के भीतर जमा होने के कारण प्राकृतिक चुम्बक बन चुका है जिसके कारण यह अपने आस पास से निकलने वाली चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है|
दोस्तों आपको क्या लगता है बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) कैसे बना? हमें कमेंट करके बताये|