कच्चा कलुआ मसान साधना क्या है | Kachha Kalua

कच्चा कलुआ
यह एक ऐसी तांत्रिक छोटे बच्चे की आत्मा होती है जिसे हम कच्चा कलुआ के नाम से जानते हैं। तांत्रिक इन्हें मसान भी कहते हैं कच्चा कलुआ एक ऐसी ऊर्जा रूपी आत्मा है जो मुक्ति ना प्राप्त करने के कारण अथवा विधिवत मुक्ति संस्कार ना होने के कारण आसपास भटकती रहती है और कुछ तांत्रिक इसे अपने काबू में करके या जगा कर कई बार सिद्धियां प्राप्त कर लेते हैं। कच्चा कलुआ यानी मसान को राजस्थान में झरूंटिया भी कहते हैं।
एक छोटी बच्चे की भटकती हुई आत्मा बेहद शक्तिशाली होती है। इसका प्रयोग तांत्रिक लोग अपने बुरे कामों को अंजाम देने में ही ज्यादातर करते हैं या किसी परिवार या दुश्मन के वंश के ऊपर इसका प्रयोग किया जाता है।
कैसे बनता है कच्चा कलुआ
कच्चा कलुआ ऐसी आत्माएं हैं जिनका अंतिम संस्कार विधिवत तरीके से ना किया गया हो। तब वह खुद-ब-खुद ऊर्जा का रूप ले लेते हैं। इनके पास खतरनाक शक्तियां होती हैं। यह बड़े से बड़े काम को अंजाम दे सकते हैं। इनकी शक्तियां चरम पर हो जाती है इसलिए इन पर काबू भी करना बहुत ही कठिन होता है।
कच्चा कलुआ बहुत ही नटखट! छोटे बच्चे की आत्मा होती है ये ही केवल एक ऐसी आत्मा है जो मंदिर में भी आ जा सकती है। और बालक स्वरूप में इस पर काबू पाना सरल नहीं होता है।
कलुआ मसान
गर्भ में पलने वाला बच्चा अगर जन्म के दौरान मर जाए या बच्चा जिसकी उम्र 9 साल से कम हो मरने पर उसका दाह संस्कार अच्छी प्रकार ना किया गया वो ही आत्मा कच्चा कलुआ बनती है। यह ज्यादातर जिन्हें दफनाया गया या नदी में प्रवाहित किया गया हो या विधिवत संस्कार ना होने के कारण यह खुद ही भटकने लगती है।
अगर बच्चा पैदा होता है तो उसकी नाल को काट दिया जाता है किंतु जब गर्भपात हो जाता है तो ऐसा हो ही नहीं पाता। तब गर्भ का जीव कच्चा मसान कहा जाता हैं। वह माया से जुड़ कर रह जाता है। जो कि उस जीव को अजेय बना देती है |
आमतौर पर यह धारणा है कि गर्भपात होने पर उस गर्भ का जीव जो है, वह समाप्त हो जाता है। लेकिन जीव तो स्वयं माया का सहभागी हो जाता है और घर से संसार से अलग अपना एक तांत्रिक खेल खेलता है। कच्चा कलुआ मसान कोई छोटी आत्मा नहीं होती है। यह बच्चों की आत्माओं से बनती है और उनकी शक्तियां भी अपनी चरम पर पहुंच जाती है।
कच्चा कलुआ मसान की मुक्ति इनके माता-पिता ही करवा सकते हैं क्योंकि यह छोटे बालक की उर्जा होती है। इसलिए यह बहुत अधिक शैतानी करते हैं और अपने शिकार को खेल-खेल में ही मार भी डालते हैं।
जो कच्चा कलुआ होता है, वह एक छोटा बच्चा होता है जो दूध तो पीता हो, अन्न ग्रहण करने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई हो या मूल खाने या भोजन को ग्रहण ना कर पाया हो।
कच्चा कलुआ मसान शक्तिशाली क्यों होते हैं?
छोटे बच्चे का कच्चा कलुआ जो होता है वह बहुत ही अधिक शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि जल्दी किसी के नियंत्रण में नहीं आता है। छोटे बच्चे पर काबू करना कितना कठिन होता है यह आप लोग समझ सकते हैं और जब वह आत्मा के रूप में हो तो कितना कठिन हो सकता है। यह इतने छोटे होने की वजह से ही मंदिर जैसी पवित्र जगह पूजा-पाठ, अनुष्ठान वाली जगहों पर भी घूमते रहते हैं और अपने सभी कार्य कर डालते हैं। इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब उन पर काबू नहीं किया जा सकता तो यह कुछ भी करने में समर्थ होते हैं।
इससे सबसे अधिक खतरा गर्भवती महिला को होता है। अगर कोई गर्भवती महिला कच्चा कलुआ की चपेट में आ जाती है तो उसके गर्भ को बचाना बेहद कठिन होता है। कच्चा कलुआ सबसे ज्यादा इनकी ओर आकर्षित भी होता है और अगर किसी गर्भवती महिला पर कच्चा कलवा यानी मसान हमला कर दे तो सबसे पहले वह अपना निशाना गर्भ में पल रहे भ्रूण को ही बनाता है जिसकी वजह से गर्भ गिर जाता है या समाप्त हो जाता है। यह साधना सिर्फ अच्छे कार्यों के लिए ही करनी चाहिए क्योंकि अधिकतर इस साधना को लोग केवल बुरे कर्मों के लिए ही करते हैं। पुराने समय के वंशानुगत इच्छाओं के कारण दुश्मन के वंश को ना बढ़ने देने की एक सोच के कारण ज्यादातर कच्चा कलवा का प्रयोग तांत्रिकों के माध्यम से बाकी लोग करवाते हैं।
कच्चा कलुआ साधना
इसका जो मंत्र है वह मैं आपको यहाँ नहीं बता सकता हूँ। क्योकि ये साधना किसी उत्तम गुरु के सानिध्य में ही करनी होती है online मंत्र पढ़के नहीं | इसकी साधना विधि बता दे रहा हो
कच्चा कलुआ की साधना के विषय में भी वर्णन आता है। वह मैं आपको बता देता हूं। किसी नाबालिग बच्चे के शव का कफ़न ले आये और उसी शव के मुंह के थूक का कफ़न पर लेप कर दे. अब अर्द्ध-रात्रि के समय किसी सुनसान जगह पर बबूल के पेड़ के निचे उस कफ़न को बिछा दे. पेड़ से थोड़ी ही दूर मल त्याग करने जाए और वापस ऐसे ही बिना साफ किये आ जाए। इसके मंत्र कई सारे हैं। अब सामने पड़े मांस के टुकड़े में से एक छोटा सा हिस्सा निकाल ले और अपनी जीभ के नीचे रखकर मानस जाप के द्वारा इसका जाप पूरा करें। जप पूरा होने के बाद मांस के टुकड़े को मुंह से बाहर निकाल ले और मस्तिष्क पर लगाकर उसे वहीं छोड़ दें। और कफन को लेकर घर लौट आए।
इस प्रकार यह 11 दिन आपको साधना करनी होती है। साधना में जप करने के लिए जाते वक्त लौटते समय पीछे मुड़कर बिल्कुल ना देखें ना ही किसी के सवाल यह जवाब को दें।
कलुआ अपनी लीला शुरू कर देता है। उसकी बातों पर ध्यान ना दें। कच्चा कलुआ साधक को कलुआ को मांस और मदिरा का भोग लगाकर वचन में बांध लेना चाहिए। हालांकि छोटे बच्चे का कलुआ आसानी से वचन में नहीं बांधा जा सकता है, लेकिन बड़ा कन्वे को आप वचन में बांध सकते हैं।