हनुमान और बाली के मध्य युद्ध में कौन जीता? (Who won the fight between Hanuman and Bali)
हनुमान और बाली के मध्य युद्ध में कौन जीता? (Who won the fight between Hanuman and Bali)
रामायण में बाली की काफी भूमिका रही है जिसमे सबसे विशेष उसका वध है जो की स्वयं प्रभु श्री राम के द्वारा किया गया था| बाली सुग्रीव का बड़ा भाई और किष्किन्धा नगरी का राजा था बाली को इन्द्र देव का पुत्र भी बताया जाता है|
बाली ने बहुत कठिन तप करके ब्रह्म देव को प्रसन्न किया था और उनसे वरदान माँगा था कि जब भी वह किसी से भी युद्ध करे तब दुश्मनं की आधी शक्ति क्षीण होकर उनमे समां जाए| इस वरदान के कारण ही बाली सम्पूर्ण लोक में अजेय हो गया था|
इस वरदान के कारण ही बाली ने हजार हाथियों की शक्ति रखने वाले दुदंभी नामक राक्षस का वध कर दिया था उसके बाद बाली ने दुदंभी के भाई का भी एक गुफा में वध कर दिया था|
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हनुमान और बाली के मध्य युद्ध में कौन जीता? (Who won the fight between Hanuman and Bali) |
हनुमान और बाली के मध्य युद्ध में कौन जीता?
एक बार वनराज बाली और असुरराज रावण के बीच युद्ध छिड़ गया था इस युद्ध में बाली ने अपने वरदान के कारण रावण को अपनी काँख में 6 माह तक दबाये रखा था और अंत में रावण ने बाली से हार मानकर बाली को अपना मित्र बना लिया था|
रावण को हराने के बाद बाली का घमंड काफी बढ़ गया था और एक दिन अपनी शक्ति का दिखावा करने के लिए बाली एक जंगल के बड़े बड़े पेड़-पौधों को उखाड़कर फेकने लगा और अपने घमंड में वह पूरे जंगल को उखाड़ना चाहता था लेकिन उसी जंगल में ही राम भक्त हनुमान ध्यान में लीन श्री राम का जाप कर रहे थे और इतने शोर के कारण हनुमान जी का ध्यान भंग हो गया और बाली के पास आकर उन्होंने बाली से कहा हे वानरराज आप अतिबलशाली है और आपको कोई नहीं हरा सकता लेकिन आप क्यों इस तरह इस शांत जंगल को तहस नहस कर रहे है जिस पर बाली काफी ज्यादा गुस्से में आ गया और उसने हनुमान जी और भगवान् श्री राम को चुनौती दे दी बाली ने हनुमान से कहा कि तुम क्या तुम्हारे प्रभु राम भी मुझे नहीं हरा सकते और बोला अगर है दम तू बुलाओ अपने प्रभु राम को ऐसा सुनकर हनुमान जी क्रोधित हो गए और उन्होंने बाली की चुनौती स्वीकार कर ली और उन दोनों में तय हुआ के अगले दिन सूर्योदय होते ही दोनों के बीच दंगल होगा|
जैसे ही अगले दिन हनुमान जी दंगल के लिए निकले ही थे तब ब्रह्मा जी प्रकट हुए और ब्रह्म देव ने हनुमान जी से कहा कि वह बाली की चुनौती स्वीकार न करे तब हनुमान जी ने बोला हे ब्रह्म देव बाली जब तक मुझे चनौती दे रहा था तब तक ठीक था लेकिन भगवान राम को चुनौती देकर उसने श्री राम का अपमान किया है इसलिए मैं उस बाली को सबक सिखाकर ही रहूंगा और हनुमान जी बोले अगर अब मैं पीछे हट गया तो सारा संसार मुझे कायर समझेगा|
तब ब्रह्मा जी ने कहा ठीक है आप दंगल के लिए जाईये लेकिन अपनी शक्ति का 10वा हिस्सा लेकर ही जाईये बाकी का हिस्सा अपने प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित कर दीजिये और दंगल से वापस आने के बाद बची शक्ति आप दुबारा हासिल कर लिजेयगा इस पर हनुमान जी मान गए और अपनी शक्ति का 10वा हिस्सा लेकर दंगल के लिए गए|
दंगल के मैदान में जैसे ही दंगल शुरू हुआ और हनुमान जी और बाली आमने सामने आये वैसे ही बाली को ब्रह्मा जी के वरदान के मुताबिक़ हनुमान जी की शक्ति का आधा हिस्सा बाली के शरीर में चला गया जिससे बाली के शरीर में जबरदस्त हलचल होना शुरु हो गयी उसे लगने लगा जैसे उसके अंदर अपार शक्ति आ गयी है और कुछ ही समय में उसके शरीर की नशे फट जाएँगी तब ब्रह्मा जी वहाँ प्रकट हुए और उन्होंने बाली से बोला की तुम खुदको दुनिया में सबसे शक्तिशाली समझते हो लेकिन तुम्हारा शरीर हनुमान जी की शक्ति का 5वा हिस्सा भी नहीं संभाल पा रहा है यदि तुम खुदको जिन्दा रखना चाहते हो तो हनुमान जी से दूर भाग जाओ बाली ने ऐसा ही किया और अपनी जान बचायी|
बाद में बाली को एहसास हुआ की हनुमान जी उससे कई गुना शक्तिशाली है उसने हनुमान जी से माफ़ी मांगी और बोला की आपके पास इतनी शक्तिया होने के बाद भी आप शांत रहते है और राम भजन गाते रहते है मैं आपके सामने कुछ नहीं हो मुझे क्षमा कीजिये और हनुमान जी ने बाली को माफ़ कर दिया|
इससे हमे यह सिख मिलती है की चाहे हम जितने भी ताकतवर, अमीर हो जाए हमें कभी घमंड नहीं करना चाहिए|
दोस्तों अगर आपको किसी और घटना के बारे में जानना है तो हमें कमेन्ट करके जरूर बताये|