क्या है हनुमान जी की नौ निधियाँ? (What is Hanuman’s Nauv Nidhi)
क्या है हनुमान जी की नौ निधियाँ? (What is Hanuman’s Nauv Nidhi)
जैसा की हम सभी लोग जानते है की पवन पुत्र हनुमान को अष्ट सिद्धि और नौ निधियों का स्वामी कहा जाता है| निधि का अर्थ धन या ऐश्वर्य होता है निधियां ऐसी वस्तुये होती है जो बहुत ही कम लोगो के पास होती है और जिन्हे पाना अत्यन्त दुर्लभ होता है निधियों को प्राप्त करने के लिए घोर तप करना पड़ता है|
ब्रह्माण्ड पुराण और वायु पुराण में कई निधियों का उल्लेख मिलता है लेकिन उनमे से नौ निधियाँ मुख्य होती है यह नौ निधियाँ हनुमान जी के के पास है|
कथाओ के अनुसार हनुमान जी को यह नौ निधियाँ माता सीता ने वरदान के रूप में दी थी|
क्या है हनुमान जी की नौ निधियाँ? (What is Hanuman’s Nauv Nidhi) |
क्या है हनुमान जी की नौ निधियाँ?
1- रत्न – किरीट: किरीट का अर्थ होता है मुकुट| हनुमान जी का मुकुट बहुमल्य रत्नो से जड़ा है जो की हनुमान जी को माता सीता ने दिया था इस मुकुट के सामान मूल्यवान मुकुट संसार में किसी के पास भी नहीं हैं| देवताओ के राजा इन्द्र का मुकुट भी हनुमान जी के रत्न – किरीट से अधिक मूल्यवान नहीं है|
2- केयूर: वह आभूषण जो पुरुष अपनी बाहों में पहनते है केयूर कहा जाता है| केयूर को ही भुजबंध या बाहुबंध भी कहते है हनुमान जी अपने दोनों हाथो में माता सीता जी के द्वारा दिए बहुमूल्य केयूर पहनते है केयूर युद्ध में हनुमान जी के लिए सुरक्षा बंधन का काम करते है|
3- नूपुर: नूपुर वह आभूषण है जिसे पैरों में पहना जाता है महाबली हनुमान जी माता सीता जी के द्वारा दिए बहुमूल्य नूपुर को अपने दोनों पैरो में पहनते हैं| इन नूपुरों से निकलने वाली आभा से हनुमान जी के शत्रु नेत्रहीन हो जाते है|
4- चक्र: जब कभी भी चक्र का नाम आता है तब हमें भगवान विष्णु या श्री कृष्ण ही याद आते है लेकिन पुराणों में हनुमान जी के चक्र का वर्णन भी मिलता है जो की उन्हें माता सीता जी के द्वारा दिया गया था राजस्थान के अलवर जिले में चक्रधारी हनुमान जी का मन्दिर भी है| जगननाथ पूरी के अष्टभुज हनुमान जी की मूर्ति में हनुमान जी चार भुजाओ में चक्र धारण किए हुए है|
5- रथ: हनुमान जी एक दिव्य रथ के स्वामी है जो की उन्हें माता सीता द्वारा दिया गया था और इस रथ पर युद्ध करते समय हनुमान जी को कोई भी परास्त नहीं कर सकता है|
6- मणि: हनुमान जी को संसार की सबसे बहुमूल्य और कीमती मणियों का स्वामी कहा जाता है जो की उन्हें माता सीता जी के द्वारा दी गयी थी|
7- भार्या: हम सभी लोग हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी के रूप में जानते है लेकिन जब हनुमान जी को सूर्यदेव से अष्टसिद्धियाँ प्राप्त कर रहे थे तब कुछ ऐसी सिधिया थी जो केवल गृहस्थ व्यक्ति को ही दी जा सकती थी तब हनुमान जी ने सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से विवाह किया था| पुराणों में इस कहानी का उल्लेख भी मिलता हैं|
More Read: क्यों करना पड़ा हनुमान जी को विवाह?
8- गज: गज की निधि को सबसे दुर्लभ निधियों में से एक माना जाता है गज को हिन्दू धर्म में चार सबसे पवित्र जीवो में से एक माना जाता है| हनुमान जी की गज निधि को उनके बल के रूप में माना जाता है हनुमान जी में असंख्य गजों का बल है| कही कही हनुमान जी में 10 लाख गजो के बल का वर्णन मिलता है|
9- पद्म: हनुमान जी पद्म निधि से भी समपन्न है इस निधि से समपन्न व्यक्ति सात्विक गुणयुक्त होता है|
यह नौ निधियाँ हनुमान जी को माता सीता जी द्वारा दी गयी है|
दोस्तों अगर आपको यह अच्छा लगा हो तो कोमेंट में जय श्री राम लिखये|