क्या कोरोना वायरस प्रलय का संकेत है? (Is Corona Virus is the Sign of Devastation)

क्या कोरोना वायरस प्रलय का संकेत है? (Is Corona Virus is the Sign of Devastation)

धार्मिक ग्रंथों (Religious Text) के दावों के अनुसार हजारों वर्षों पूर्व धरती पर एक बार जल प्रलय (Deluge) हुई थी। हिन्दू धर्म (Hindu Religion) के मत्स्य पुराण में जल प्रलय (Deluge) और नौकाबंध (Embankment) नाम से इस घटना (Incident) का वर्णन मिलता है।
द्रविड़ देश ( Dravidian Country) के राजर्षि सत्यव्रत (वैवस्वत मनु) के समक्ष भगवान विष्णु (God Vishnu) ने मत्स्य (Fish) रूप में प्रकट होकर कहा कि आज से सातवें दिन (7th Day) भूमि (Earth) जल प्रलय  से समुद्र में डूब जाएगी। तब तक एक नौका (Boat)

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ऐसी ही कथा (Same Story) तौरात (Taurat), इंजिल (Injil), बाइबिल (Bible) और कुरआन (Kuran) में भी मिलती है। यहूदी (Jewish), ईसाई (Christian) और इस्लाम (Islam) में इस घटना का जिक्र हजरत नूह की नौका नाम से वर्णित है। कहा जाता हैं कि इस जल प्रलय (Deluge)  में सिर्फ नूह या राजा वैवस्वत मनु की नाव में सवार लोग ही बचे थे बाकि सभी डूब गए थे।
Also read: विष्णु पुराण की इम्पोर्टेन्ट बातें (Vishnu Puran Ki Important Baate)

क्या कोरोना वायरस प्रलय का संकेत है? (Is Corona Virus is the Sign of Devastation)
क्या कोरोना वायरस प्रलय का संकेत है? (Is Corona Virus is the Sign of Devastation)

धर्म (Religion), ज्योतिष (Astrology), माया सभ्यता या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी (Nostradamus prophecy) का हवाला देकर कुछ लोगों (Peoples) द्वारा पिछले कई वर्षों से दुनिया के खत्म होने का दावा किया जा रहा है। दुनिया के खत्म होने के मंजर को लेकर हॉलीवुड (Hollywood) में कई फिल्में (Movies) बन चुकी है। आइये जानते हैं कि इस संदर्भ में वेद (Veda), पुराण (Purana) बाइबल (Bible), कुरआन (Kuran) आदि ग्रंथों में इसके बारे क्या लिखा है?

हिन्दू धर्म (Hindu Religion)

 प्रलय के संबंध में हिंदू धर्म की धारणा मूल रूप से वेद (Veda) और पुराणों (Purana) से प्रेरित है। प्रलय (Devastation) का अर्थ होता है संसार का  फिर से अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन (Absorbed) हो जाना।
प्रलय (Devastation) चार प्रकार (Four Type) की होती है

  • नित्य प्रलय (Continual holocaust)
  • नैमित्तिक प्रलय (Casual holocaust)
  • द्विपार्थ प्रलय (Bicameral holocaust)
  • प्राकृत प्रलय (Natural destruction)

प्राकृत (Natural destruction) ही महाप्रलय है, जो कल्प(Eon) के अंत (End) में होगी। एक कल्प (Eon) में कई युग (Many ages) होते हैं। युग के अंत में प्राकृत प्रलय को छोड़कर कोई भी प्रलय होती है।
हिन्दू धर्म (Hindu Religion)  कि मानता है जो जन्मा है वह मरेगा (The one who born will die)। सभी की उम्र निश्चित है (Everyone has certain life) फिर चाहे वह सूर्य हो या अन्य ग्रह (Whether it be the Sun or other planets)।

हिंदू पुराणों के अनुसार (According to Hindu mythology) कलियुग (Kalyug) के अंत में भगवान विष्णु (God Vishnu) अंतिम बार (Last time) वापस आएंगे, जिसको हिंदू धर्म में कल्कि कहा गया है।(Which is called Kalki in Hindu Religion).
महाभारत (Mahabharata) में कलियुग (Kalyug) के अंत में प्रलय (Devastation) होने का जिक्र है, जो धरती पर लगातार बढ़ रही गर्मी से होगा। महाभारत उल्लेख मिलता है (The Mahabharata mentioned) कि सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी। संवर्तक नाम की अग्रि धरती को पाताल तक भस्म कर देगी। वर्षा पूरी तरह बंद हो जाएगी। सबकुछ जल जाएगा, इसके बाद फिर बारह वर्षों तक लगातार बारिश होगी। जिससे सारी धरती जलमग्र हो जाएगी।

ईसाई धर्म (Christianity)

बाइबल में दुनिया के अंत के बारे में स्पष्ट नहीं है।(There is no certain explanation of world’s end in the Bible). कुछ लोग इस पवित्र ग्रंथ में दुनिया के अंत का अर्थ बुरे लोगों का अंत, व्यवस्था का अंत से लगाते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि तब प्रभु यीशु (God Jesus) पुन: अवतरित (Reincarnated) होंगे। कहते हैं कि आखिरी दिन सभी मृत और जीवित लोगों को आकाश में ले जाया जाएगा, जहां वो सभी यीशु (Jesus) से मिलेंगे। इस मान्यता को रैपचर का नाम दिया गया है। (This recognition has been named Rapture)

यीशु ने कहा है (Jesus Said), “उस दिन और उस वक्‍त के बारे में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, न बेटा, लेकिन सिर्फ पिता जानता है। (No one knows about that day or time, neither the messenger of heaven, nor the son, but only the father.)”
यीशु यह भी बताया है कि (Jesus also told that) अंत अचानक होगा, उस घड़ी जब किसी ने सोचा भी न होगा (The end will be sudden, the moment when nobody thought)। (मत्ती 24:36, 42 और मत्ती 24:44 बाइबल) (Matthew 24:36, 42 and Matthew 24:44 Bible)

बाइबल (Bible) में बताया गया है कि जब ये घटनाऐ होंगी उस समय समय को अन्त समय (End Time) कहा जायेगा। बाइबल के अनुसार (According to the Bible) युद्ध(War), भुखमरी (Starvation), बीमारियां (Diseases) और भूकंप (Earthquake) से दुनिया का अंत होगा। तब बस कुछ  ही लोग बच जाएंगे। इस दिन प्रभु न्याय करेगा।(On this day god will judge)

इस्लाम (Islam)

इस्लाम में भी प्रलय (Devastation) का दिन बताया गया है, जिसे क़यामत का दिन (Judgment’s Day) कहा गया है। कुरआन मजीद (Quran Majid) में क़यामत के दिन को यौमुद्दीन (बदले का दिन) और थयौगुल फसल (फैसले का दिन) और यौमुल हिसाब (हिसाब का दिन) कहा गया है। इस्लाम के अनुसार क़यामत कब आएगी इसे केवल अल्लाह तआला ही जानता है। (According to Islam Only Allah Knows When Devastation will come)
इस्लाम में  क़यामत की कुछ निशानियां बताई गई हैं। मज्मूउल फतावा (2/प्रश्न संख्या : 137)

बौद्ध धर्म (Buddhism)

बौद्ध धर्म की तिब्बत परंपरा के मुताबिक (According to Buddhism’s Tibet Tradition) जब दुनिया से सभी धर्म (All Religions) और सभी जाति (All Castes) के लोग खत्म हो जाएंगे तो उसके लगभग 5000 वर्षों के बाद दुनिया में प्रलय (Devastation) आएगी. और दुनिया का विनाश आग के गोले की तरह होगा।

पारसी धर्म (Zoroastrianism)

पारसी धर्म के अनुसार (According to Zoroastrianism) प्रलय आने से पहले दुनिया पवित्र (Holy) हो जाएगी। साथ ही प्रलय आने से पहले आखिरी बार ईश्वर और शैतान का आमना सामना होगा, जिसमें ईश्वर (God) जीत (win) होंगे। और ईश्वर पुनः दुनिया का एक बार फिर निर्माण करेगें।

यहूदी धर्म (Judaism)

यहूदी धर्म में माना जाता है (According to Judaism) कि मरने वाले व्यक्ति की आत्मा मौत के बाद  ईश्वर के पास जाती है। कयामत के दिन ईश्वर सभी मृत लोगों के शरीर को नए सिरे से बनाएंगे, जिनको ईश्वर के सामने खड़े होकर अपने-अपने कर्मों की सजा दी जाएगी। यहूदी मान्यता के अनुसार भी अंत के समय मसीहा (मूसा) लौटेगा।

कोरोना वायरस प्रलय का संकेत नहीं है लेकिन अगर हम सावधानी नहीं बरतेंगे तो यह कई लोगों की जान ले लेगा इसीलिए सरकार के आदेश का पालन करें और घर से बाहर न जाएं……

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