वराह पुराण के अनुसार भगवान की पूजा के नियम (Rule for God’s worship)
वराह पुराण के अनुसार भगवान की पूजा के नियम (Rule for God’s worship)
वराह (Varaha) भगवान विष्णु (Vishnu) के दशावतार (10) में तीसरे (3) अवतार हैं। इस अवतार में भगवान ने हिरण्याक्ष
Also Read: 18 पुराणों के नाम और उनका महत्त्व (18 Puranas Name and their Significance)
रोज की पूजापाठ (worship) में क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं, इसके कई (many) नियम (rule) हैं। लगभग सभी शास्त्रों ने कहीं ना कहीं इस बात को बताया भी गया है कि पूजा के समय क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए और कौन सी सावधानियां पूजन करते समय रखनी चाहिए।
भगवान (God) वराह (Varaha) ने वराहपुराण (Varaha Purana) में पूजा के समय निषेध कामों के बारे में बताया है।
इस पुराण में वराह भगवान ने पूजा से जुड़े ऐसे ही दस काम बताए हैं।
पूजा के समय नीले (Blue) और काले (Red) कपड़े नहीं पहनने चाहिए। साथ ही ऐसे और भी काम हैं, जो भी पूजा के समय ये करता है, उन्हें पूजा करने पर भी पाप (Sin) का हिस्सेदार बनना पड़ता है।
वराह पुराण के अनुसार भगवान की पूजा के नियम (Rule for God’s worship)
वराह पुराण के अनुसार भगवान की पूजा के नियम (Rule for God’s worship) |
Also Read: शिव पुराण – कथा (Shiv Puran ki Katha)
आइए जानते हैं ऐसे कामों के बारे में जो भगवान (God) की सेवा के समय कभी नहीं करने चाहिए।
- अपराध करके धन कमाकर जो भी जो भगवान (God) सेवा या उपासना करता है। वह पूजा नहीं, अपराध करता है।
- पूजा के दौरान जो कोई नीले या काले कपड़े पहनता है तो वो पूजा नहीं है।
- जो किसी शव (Dead-body) को स्पर्श करके बिना स्नान किए पूजा करता है। वह पूजा भी भगवान (God) को स्वीकार्य नहीं है।
- जो संभोग करके बिना स्नान किए भगवान (God) का पूजन करता है। वह पूजा नहीं, अपराध करता है।
- जो कोई भी गुस्सा करके भगवान (God) उपासना करता है तो ऐसी पूजा भी स्वीकार नहीं होती है।
- अंधेरे में भगवान की मूर्ति या तस्वीर को स्पर्श करना या पूजा करना दोनों ही भागवत अपराध है।
- जो कोई भी घंटी-शंख आदि की आवाज किए बिना पूजा करता है। वह भी भगवान (God) को स्वीकार्य नहीं है।
- जो कोई भी पूजा से पहले या बाद बेमतलब की बातें करता है तो उस पूजा को भी भगवान (God) स्वीकार नहीं करता हूं।
- कुछ भी खाकर बिना कुल्ला किए जो भी पूजा करता है उसकी पूजा भगवान (God) को स्वीकार नहीं होती।
- जो दीपक का स्पर्श करके बिना हाथ धोए भगवान (God) की उपासना करता है। भगवान (God) उसकी पूजा को भी स्वीकार नहीं करता हूं।