क्या इन्द्र एक कायर देवता है? (Is Indra a coward god)
क्या इन्द्र एक कायर देवता है? (Is Indra a coward god)
पुराण जो कि वेदो के हजारो वर्षो के बाद लिखे गए है पुराणों में इन्द्र देव को एक कमजोर व्यक्ति और नाकारत्मक छवि के रूप में दिखाया गया है हर पुराण में इंद्र देव को उस पुराण के इष्ट देव या देवी
पुराणों में कभी उन्हें ऋषियों से भागते हुए बताया गया है तो कभी उन्हें राक्षसों से डरकर छुपते हुए दिखाया गया है|
पुराणों में कथाओ के माध्यम से या दो ज्ञानियों के मध्य वार्तालाप के माध्यम से ज्ञान देने का प्रयास किया गया है जिसमे उस पुराण के इष्ट देव या देवता को सबसे अधिक शक्तिशाली बताया गया है और इन्द्र देव को केवल अप्सराओ का नृत्य देखते और उस पुराण के इष्ट देव या देवी पर ही आश्रित बताया गया है और जब भी कोई समस्या स्वर्ग पर आती थी तब इन्द्र देव उस पुराण के इष्ट के समक्ष अपनी समस्या लेकर पहुंच जाते थे|
जबकि वेदो के अनुसार इन्द्र देव को परमब्रह्म परमेश्वर का ही प्रतिरूप कहा गया है वेदो के अनुसार इन्द्र देव एक शक्तिशाली देवता है इन्द्र देव को कई देवो के प्रमुख बताया गया है जिसमे वायु, वरुण, अग्नि, अश्वनी कुमारो, सूर्य, चंद्र और विश्वकर्मा आदि शामिल है|
यह बात सत्य है की भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश कई घटनाओं के कारण इन्द्र देव से श्रेष्ठ है लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि इन्द्र देव एक कमजोर देवता है इन्द्र देव वसु, मरू ओर भी बहुत से देवताओ से श्रेष्ठ है |
क्या इन्द्र एक कायर देवता है? (Is Indra a coward god) |
वेदो के अनुसार इन्द्र एक मुख्य देवता है इन्द्र देव ने अपने वज्र के साथ राक्षसों और दैत्यों से कई भयानक युद्ध किये थे जिसमे उन्होंने वित्र जैसे अतिशक्तिशाली राक्षसों को मार दिया था|
ऋग्वेद के अनुसार जब इन्द्र का जन्म हुआ तो एक भयंकर तूफान आया और इन्द्र देव का आगमन भूमि को चीरते हुए हुआ उस समय असुर वित्र राक्षस के कारण चारो तरफ अकाल पड़ा हुआ था उसने सभी नदी और सरोवर में जल का प्रवाह रोक दिया था तब इन्द्र देव अपना व्रज लेकर वित्र से युद्ध करने लगे इस घमासान युद्ध को देखकर सभी देवता डरकर भाग गए किन्तु इन्द्र देव युद्ध करते रहे और जब भगवान विष्णु इन्द्र देव की मदद करने को आये थे तब इन्द्र देव ने विष्णु जी को पीछे हटाकर अकेले ही वित्र का वध कर दिया| देवताओ ने इस महान व वीर योद्धा का गुणगान किया और सर्वसम्मति से इन्द्र देव को अपना राजा चुन लिया|
इस युद्ध का गुणगान रामायण के कई हिस्सों में एक महान पराक्रम के रूप में किया गया है और महाभारत में भी युधिस्ठिर को यह कहानी सुनाई गयी थी|
वेदो में इन्द्र देव को एक वीर, कुशल और साहसी योद्धा बताया गया है जिन्होंने ने अपने बल व बुद्धि से कई राक्षसों का वध किया है|
वाल्मीकि रामायण के किष्किंधा कांड में वर्णित है की एक बार हनुमान जी सूर्य को जब फल समझकर उसे निगलने के लिए आगे बढ़ रहे थे तब हनुमान जी को इन्द्र देव ने अपने वज्र से बेहोस कर दिया था जिसके कारण हनुमान जी एक पहाड़ की चोटी पर गिर गए थे और उनकी हनु टूट गयी थी तब इन्द्र ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था की उनका शरीर वज्र के समान हो जाएगा और उनपे मेरे वज्र का कोई असर नहीं होगा और हनुमान जी की मृत्यु भी उनकी ईक्षा के अनुसार ही होगी|
इन्द्र देव ने ही कर्ण को भी अमोघवासवी शक्ति प्रदान की थी|
यह बात भी सत्य है कि इन्द्र देव मेघनाद, रावण, कुम्भकर्ण आदि से परास्त भी हुए इसका कारण इन लोगो को प्राप्त वरदान थे जिसके कारण इन्द्र देव को इनसे परास्त होना पड़ा| हार और जीत तो युद्ध का एक हिस्सा है लेकिन इन्द्र कमजोर नहीं थे बल्कि एक शक्तिशाली देवता थे जिन्होंने कई युद्धों में जीत भी हासिल की|
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इन्द्र किसी का नाम नहीं है बल्कि एक पद है जो हर युग में उस युग के सबसे योग्य व्यक्ति को प्राप्त होता है|
हमने इन्द्र देव के बारे में बस उतनी ही कहानी सुनी या देखी है जिसमे वरदान प्राप्त राक्षस से हरने के बाद इन्द्र देव नारायण या उनके किसी स्वरुप के पास मदद के लिए चले जाते थे| जबकि वैदिक इन्द्र पौराणिक इन्द्र से काफी अलग है|
अतः वेद के अनुसार इन्द्र एक शक्तिशाली देव है दोस्तों आपको क्या लगता है क्या इन्द्र देव कायर है?
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