जैन तीर्थंकर चौबीस ही क्यों होते है | Why 24 Tirthankaras in Jain

जैन तीर्थंकर चौबीस ही क्यों होते है | Why 24 Tirthankaras in Jain

जैन तीर्थंकर चौबीस ही क्यों होते है? जैन भूगोल में अढ़ाई द्वीप क्षेत्रों का वर्णन मिलता है-जम्बुद्वीप, धातकी खण्ड, अर्द्धपुष्कर …

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