केदारनाथ मंदिर के अनसुने रहस्य
Title 2
केदारनाथ मंदिर एक नहीं बल्कि पांच अलग - अलग मंदिरों का समूह है, इन सभी में शिवजी के विभिन्न अंग गिरे थे इसलिए इसे पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है।
भोलेनाथ ने पांडवो को वहां बैल के रूप में दर्शन दिए थे इसके बाद वहां भूशिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी तब से लेकर अब तक उसी शिवलिंग की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ कि यात्रा करना अधूरा माना जाता है इससे तीर्थ यात्रा और र्शन का कोई फल नहीं मिलता है।
केदारनाथ मंदिर में शिव की आराधना शैव समुदाय के पुजारी करते हैं, मंदिर के पुजारी भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा कि पूजा करते हैं।
केदारनाथ की खोज पांडवो ने की थी, पांडव अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भोलेनाथ को ढूंढते होए केदारनाथ पहुंचे थे।